Rama Ekadashi is very important and auspicious, do these special measures : सनातन धर्म में एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ मानी जाती है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है। रमा एकादशी को रंभा एकादशी और कार्तिक कृष्ण एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। हर साल रमा एकादशी का व्रत दिवाली से 4 दिन पहले रखा जाता है। रमा एकादशी से दिवाली उत्सव की शुरुआत हो जाती है। इस एकादशी का नाम माता लक्ष्मी के रमा स्वरूप पर रखा गया है। इस बार रमा एकादशी का व्रत 28 अक्तूबर को रखा जा रहा है। आइए जानते हैं कि रमा एकादशी के दिन कौन से खास उपाय करने चाहिए...
11 या 21 कौड़ियां लेकर माता लक्ष्मीजी को अर्पित करें
इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करना शुभ माना जाता है। आर्थिक समस्याओं के निवारण के लिए रमा एकादशी के दिन 11 या 21 कौड़ियां लेकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें। फिर विधिवत पूजा करके अगले दिन उन कौड़ियों को पीले रंग के वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रख दें।
बिजनेस समस्या पर एक रुपए का सिक्का अर्पित करें
बिजनेस में लगातार घाटा हो रहा है तो रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें और इस दौरान एक रुपए का सिक्का अर्पित करें। इसके बाद रोली, फूल, अक्षत आदि से विधि-विधान से पूजा करें।
प्रमोशन के लिए पीले कपड़े व पीले रंग के फल चढ़ाएं
रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। इस दिन भगवान विष्णु के मंदिर जाकर पीले रंग के कपड़े व पीले रंग के फल चढ़ाएं। ऐसा करने से जल्द ही आपको कार्यक्षेत्र में शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी और आप खूब तरक्की करेंगे।
जीवन में सुख समृद्धि के लिए तुलसी मां की पूजा करें
रमा एकादशी जैसे शुभ दिन पर तुलसी माता की पूजा अवश्य करें और शाम के समय तुलसी के समक्ष घी का दीपक जलाएं। साथ ही, 'ऊं वासुदेवाय नमः' मंत्र का जाप करते रहें। इस उपाय से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे।
रमा एकादशी की पूजन विधि, दशमी से होता है उपवास
रमा एकादशी के दिन व्रत जरूर रखना चाहिए। एकादशी का उपवास दशमी से शुरू हो जाता है। सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि कर लें और फिर व्रत का संकल्प लें। एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
धूप, पंचामृत, तुलसी पत्तों, दीप, नैवेद्य, फूल, फल से पूजा
इस दिन भगवान विष्णु का धूप, पंचामृत, तुलसी के पत्तों, दीप, नैवेद्य, फूल, फल आदि चीजों से पूजा करें। इस दिन विष्णु जी को भोग में तुलसी पत्ती चढ़ाई जाती है। तुलसी का विशेष महत्त्व होता है। इससे व्यक्ति को समस्त पापों से छुटकारा मिल जाता है।
रात को प्रभु का भजन-कीर्तन या जागरण करना चाहिये
रमा एकादशी व्रत वाली रात को भगवान का भजन-कीर्तन या जागरण करना चाहिए। इस दिन व्रत करने वाले जातकों को सोना नहीं चाहिए। व्रत के अगले दिन भगवान का पूजन कर ब्राह्मण को भोजन और दान आदि करना चाहिए। इसके बाद व्रत का पारण करना चाहिए।