Lost leg in train accident, studied from IIT Then the life of the army mans son changed : भले ही नितेश कुमार अब पैरालंपिक में सफलता हासिल करने के शिखर पर खड़े हों लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वह महीनों तक बिस्तर पर पड़े रहे थे और उनका हौसला टूटा हुआ था। नितेश जब 15 साल के थे तब उनकी जिंदगी में दुखद मोड़ आया और 2009 में विशाखापत्तनम में एक ट्रेन दुर्घटना में उन्होंने अपना पैर खो दिया। बिस्तर पर पड़े रहने के कारण वह काफी निराश हो चुके थे। उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘मेरा बचपन थोड़ा अलग रहा है। मैं फुटबॉल खेलता था और फिर यह दुर्घटना हो गई। मुझे हमेशा के लिए खेल छोड़ना पड़ा और पढ़ाई में लग गया लेकिन खेल फिर मेरी जिंदगी में वापस आ गए।
आईआईटी में पढ़ाई के दौरान खेल में रुचि जगी
इस दुखद वाकये के बावजूद नितेश कुमार घबराए नहीं और उन्होंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित रखा। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए एक साल की छुट्टी ली। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 2013 में IIT मंडी में दाखिला प्राप्त किया। आईआईटी में पढ़ाई के दौरान ही उनकी बैडमिंटन के खेल में रुचि जगी और उन्होंने पैराएथलीट बनने का फैसला किया।
साल 2016 में इंटरनेशनल लेवल पर डेब्यू किया
नितेश कुमार ने साल 2016 में इंटरनेशनल लेवल पर डेब्यू किया और 2017 में आयरिश पैरा-बैडमिंटन इंटरनेशनल में अपना पहला खिताब जीता। उन्होंने 2019 में खेल और युवा मामलों के विभाग के लिए काम करना शुरू किया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेना जारी रखा। 30 वर्षीय नितेश ने विश्व चैम्पियनशिप में तीन पदक जीते हैं, जिसमें क्रमशः 2019, 2022 और 2024 में दो रजत और एक कांस्य शामिल हैं।
एशियाई पैरा खेलों में चार पदक जीते हैं नितेश ने
29 साल के नितेश कुमार ने एशियाई पैरा खेलों में भी चार पदक जीते हैं जिसमें 2018 जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में एक कांस्य पदक और 2022 हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों में तीन पदक (एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य) शामिल हैं और अब उन्होंने सोमवार को अपने मेडल रिकॉर्ड में एक पैरालंपिक स्वर्ण पदक भी जोड़ लिया है। नितेश कुमार का जन्म 30 दिसंबर 1994 को राजस्थान के बास किरतन (चूरू जिले की राजगढ़ तहसील) में हुआ था।
अबतक तीन गोल्ड, पांच सिल्वर और सात ब्रॉन्ज
नितेश ने मेन्स सिंगल्स (SL3) वर्ग के फाइनल मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन के डेनिल बेथेल ने 21-14, 18-21, 23-21 से मात दी। देखा जाए तो पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के मेडल की संख्या अब 15 हो गई है। भारत के खाते में अबतक तीन गोल्ड, पांच सिल्वर और सात ब्रॉन्ज मेडल हैं। नितेश कुमार से पहले शूटर अवनि लेखरा ने पेरिस ओलंपिक में भारत को पहला गोल्ड दिलाया था। पांचवे दिन सुमित अंतिल ने भी पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में गोल्ड मेडल जीत लिया है।
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के पदकवीर
1. अवनि लेखरा (शूटिंग)- गोल्ड मेडल, वूमेन्स 10 मीटर एयर राइफल (SH1)
2. मोना अग्रवाल (शूटिंग)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 10 मीटर एयर राइफल (SH1)
3. प्रीति पाल (एथलेटिक्स)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 100 मीटर रेस (T35)
4. मनीष नरवाल (शूटिंग)- सिल्वर मेडल, मेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1)
5. रुबीना फ्रांसिस (शूटिंग)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1)
6. प्रीति पाल (एथलेटिक्स)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 200 मीटर रेस (T35)
7. निषाद कुमार (एथलेटिक्स)- सिल्वर मेडल, मेन्स हाई जंप (T47)
8. योगेश कथुनिया (एथलेटिक्स)- सिल्वर मेडल, मेन्स डिस्कस थ्रो (F56)
9. नितेश कुमार (बैडमिंटन)- गोल्ड मेडल, मेन्स सिंगल्स (SL3)