Donald Trump comes close to winning the race after losing to Kamala Harris in the presidential race : अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ अंतिम चरण में पहुंच रही है। लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप जीत के करीब जा रहे हैं। शुरुआत में ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दी। हालांकि बीते कुछ दिनों में हवा रुख बदलते हुए साफ तौर पर देखा गया था। ट्रंप का खेमा पहले से ही जीत का ऐलान कर रहा है। दरअसल पिछले 6 महीनों में अमेरिकी चुनाव की दौड़ में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। जिसमें बाइडेन ने व्हाइट हाउस की रेस से बाहर होने का फैसला किया और कमला हैरिस को कमान सौंप दी। वोटिंग से कुछ हफ्तों पहले ही अचानक ट्रंप के लिए समर्थन बढ़ने लगा और इसके पीछे कई कारण थे। कमला हैरिस जिस बेबाकी के लिए जानी जाती थीं वह इन मुद्दों पर बैकफुट पर नज़र आईं। यही वजह है कि अमेरिकी चुनाव की बाज़ी ट्रंप के पक्ष में पलटती नजर आ रही है। हालांकि कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्होंने ट्रंप को इस रेस में आगे तक पहुंचने में मदद की है। एक नजर उन 5 बड़े मुद्दों पर जिन्होंने ट्रंप की स्थिति को मजबूत किया है।
अवैध अप्रवास को लेकर कड़ा रुख
अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के मजबूत पक्षधर रहे हैं। उन्होंने अवैध अप्रवास का कड़ा विरोध जताया। 2016 में भी उनके अभियान में इस बात पर जोर दिया गया था कि विदेशी लोग अमेरिकियों से नौकरियां छीन रहे हैं। ट्रंप ने मौजूदा चुनाव में भी सख्त रुख अपनाया है। जिसमें उन्होंने दक्षिणी सीमा संकट को संभालने में बाइडेन प्रशासन की नाकामी को उजागर किया है। ट्रंप ने कमला हैरिस पर भी खुलकर हमला किया। यहां तक बॉर्डर की स्थिति के लिए सीधे तौर पर हैरिस पर दोष मढ़ दिया। ओहायो में अवैध अप्रवासी पालतू जानवरों को खा रहे हैं और स्थानीय लोगों पर हमला कर रहे हैं।
बाइडेन के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर
राष्ट्रपति जो बाइडेन का कार्यकाल विवादित माना जा सकता है। कार्यकाल के एक साल बाद ही रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया। वहीं पिछले साल अक्टूबर में हमास ने इजराइल पर। 32 महीनों बाद भी रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है, लेकिन दुनिया के दो अलग-अलग मोर्चों पर जारी इन युद्धों को रोकने के लिए बाइडेन प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया। डोनाल्ड ट्रंप ने जनता की इस नाराजगी का फायदा उठाते हुए अपनी रैलियों में यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता को अवैध करार दिया है। वोटर्स अब उन्हें निर्णायक नेता के तौर पर देखते हैं जो यूक्रेन और मिडिल ईस्ट में संघर्ष को खत्म कर सकता है।
तन-मन-धन से साथ दे रहे एलन मस्क
पिछले 6 महीनों में एलन मस्क डोनाल्ड ट्रंप के लिए जीत के सबसे बड़े कारणों में से एक बन गए हैं। दुनिया के सबसे अमीर आदमी ने न केवल अपने अभियान समूह, अमेरिका PAC में 119 मिलियन से अधिक का निवेश किया है, बल्कि हाई स्टेक पेनसिल्वेनिया में चुनाव प्रचार के लिए भी काफी समय और ऊर्जा खर्च की है। यही नहीं एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर न केवल ट्रंप की वापसी करवाई बल्कि उसे रिपब्लिकन उम्मीदवार के लिए एक प्रचार मशीन में बदल दिया। वह हर रोज़ ट्रंप के समर्थन में ढेरों पोस्ट और रि-पोस्ट करते रहे हैं। शायद ट्रंप से भी ज्यादा।
डोनाल्ड ट्रंप की प्रभावशाली प्रचार टीम
ट्रंप समर्थकों को ‘MAGA समर्थक’ कहा जाता है, यानी मेक अमेरिका ग्रेट अगेन। इन समर्थकों ने लगातार सोशल मीडिया पर कमला हैरिस पर सवाल उठाए और उन्हें एक कमजोर दावेदार बताया। कमला हैरिस के इंटरव्यू और सवालों के सटीक जवाब न दे पाने पर उनकी काफी आलोचना की गई जबकि ट्रंप को एक शक्तिशाली शख्स के तौर पर दिखाया गया। समर्थकों को बताया गया कि ट्रंप के लिए वोट एलन मस्क, जेडी वेंस, रॉबर्ट कैनेडी जूनियर और विवेक रामास्वामी जैसे लोगों के लिए वोट है। इससे यह साबित करने की कोशिश की गई कि ट्रंप की संभावित कैबिनेट कितनी प्रभावशाली और मजबूत होगी।
ट्रंप के खिलाफ केस पर फैसला न आना
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 4 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। यह चुनाव उनके राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन के लिए निर्णायक हो सकता है। जीत से उनकी कानूनी लड़ाई कम से कम चार साल के लिए टल सकती है या रद्द भी हो सकती है लेकिन अगर ट्रंप चुनाव हार जाते हैं तो सज़ा और मुकदमे जल्दी ही शुरू हो सकते हैं। राष्ट्रपति पद के बिना, ट्रंप की कानूनी परेशानियां और भी ज़्यादा बढ़ सकती हैं लेकिन फिलहाल इन केसेस में फैसला न आना उनके लिए सकारात्मक साबित हुआ। इससे विरोधियों को उनके खिलाफ ज्यादा हमले करने का मौका नहीं मिला।