ख़बरिस्तान नेटवर्क : जालंधर के फगवाड़ा गेट मार्केट में एक मोबाइल दुकान पर अचानक हुई जीएसटी रेड के बाद व्यापारियों में भारी रोष फैल गया और विरोधस्वरूप कई दुकानदारों ने बाजार बंद कर दिया। इस घटना पर आम आदमी पार्टी के जालंधर सेंट्रल हलके इंचार्ज और उद्योगपति नितिन कोहली ने व्यापारिक समुदाय के साथ एकजुटता जताते हुए कड़ा बयान जारी किया।
नितिन कोहली ने कहा कि मैं इस समय विदेश में हूं, इसलिए रेड के समय व्यापारियों की मदद नहीं कर सका, लेकिन भारत लौटते ही मैं व्यक्तिगत रूप से प्रभावित व्यापारियों और जीएसटी अधिकारियों से मिलूंगा ताकि दोनों पक्षों की बात सुनकर व्यावहारिक और निष्पक्ष समाधान निकाला जा सके।
उन्होंने आश्वासन दिया कि आम आदमी पार्टी की सरकार पूरी तरह से व्यापारियों और छोटे दुकानदारों के साथ खड़ी है। मैं खुद एक उद्योगपति हूं और व्यापारिक समुदाय के साथ खड़ा हूं। आप सरकार ने पहले ही कई व्यापार-मित्र नीतियां लागू की हैं, जो छोटे वेंडरों से लेकर बड़े रिटेलर्स तक को लाभ पहुंचा रही हैं।
कोहली ने यह भी स्पष्ट किया कि वे जीएसटी से जुड़े मंत्री से व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे और मुद्दे का समाधान निकालने के लिए ठोस कदम उठाएंगे। हमारी सरकार किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने देगी। मैं स्वयं निष्पक्ष कार्यवाही सुनिश्चित करूंगा और व्यापार को बढ़ावा देने वाले समाधान लागू करवाने में सहयोग करूंगा।”
उन्होंने आगे कहा कि मैं हमेशा व्यापारियों के साथ खड़ा रहा हूं और आगे भी रहूंगा।किसी भी अधिकारी या विभाग को मैं ये इजाज़त नहीं दूंगा कि वे व्यापारियों को डराएं या परेशान करें।व्यापारियों का सम्मान और सुरक्षा मेरी पहली प्राथमिकता है – उनके साथ कोई भी ज्यादती बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नितिन कोहली ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी सरकार ने ‘इंस्पेक्टर राज’ को खत्म कर दिया है और राज्य में व्यापार करना आसान बनाने के लिए निरंतर नीतियां ला रही है। स्ट्रीट वेंडरों से लेकर बड़े व्यापारियों तक, हम हर हितधारक के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इंस्पेक्टर राज को खत्म करने के सरकार के निर्णय पर नितिन कोहली ने कहा था, “यह हमारे छोटे व्यापारियों की वर्षों पुरानी मांग थी। पहले रोजाना इंस्पेक्टर दस्तावेजों की मांग करते हुए व्यापारियों को परेशान करते थे। अब इंस्पेक्टर सिर्फ छह महीने में एक बार ही दुकान पर जा सकेंगे, या फिर व्यापारी स्वयं अधिकारी के दफ्तर जाकर मुलाकात कर सकता है।