Longest Night of 16 Hours : साल की सबसे लंबी रात जल्द ही आने वाली है। अब हम जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है जिसके परिणामस्वरूप मौसम और दिन-रात बदलता है। इस साल 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन है या यूं कहे कि सबसे लंबी रात भी इस तारीख को होगी। इससे ठंड बढ़ जाती है और हमें दिन छोटे और रातें लंबी होने का अनुभव होता है। सूर्य आकाश के माध्यम से सबसे छोटे रास्ते से यात्रा करता है, जिसके परिणामस्वरूप साल का यह दिन सबसे कम सूरज की रोशनी वाला होता है और इसलिए, सबसे लंबी रात होती है। सूर्य आकाश में नीचे दिखाई देता है, जिससे उसकी छाया लंबी हो जाती है। जानते हैं इससे जुड़ी हुई कुछ खास और इंटरेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में।
जानें क्यों होती है सबसे लंबी रात?
22 दिसंबर को विंटर सोलिस्टिस भी कहा जाता है. विज्ञान की भाषा में इसे दक्षिणायन भी कहा जाता है। रात इसमें करीब 16 घंटे की होती है जबकि दिन करीब 8 घंटे ही रहता है। इस दौरान उत्तरी ध्रुव यानी नॉर्थेर्न हेमिस्फीयर पर रात हो जाती है जबकि दक्षिणी ध्रुव यानि साउथ हेमिस्फीयरपर सूर्य चमकता रहता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस वक्त पृथ्वी एक्सिस ऑफ रोटेशन पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई होती है। यह एक खगोलीय घटना भी है।
दिन छोटे, रातें लंबी होने का अनुभव
पृथ्वी के झुकाव के चलते हर हेमिस्फीयर को पूरे साल अलग-अलग रेंज में सूर्य की किरणें मिलती है और 22 दिसंबर को सूर्य की किरणें सीधे ही इक्वेटर के दक्षिण की ओर ट्रॉपिक आफ कैप्रीकॉर्न के साथ पहुंचती है। ये किरणें सीधे ही पूरे साल में दो बार पृथ्वी पर इक्वेटर से होकर पहुंचती हैं। साल में एक बार 22 दिसंबर में ये किरणें पहुंचती हैं और दूसरी बार 21 जून को पहुंचती है। इस दिन सूर्य पृथ्वी से काफी दूर रहता है जिससे चांद की रोशनी पृथ्वी पर काफी देर तक रहती है।
सोल्सटिस शब्द का क्या मतलब है?
आपको बता दें कि सॉल्सटिस शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है और इसका अर्थ होता है कि सूर्य अभी स्थिर है। ऐसा इसलिए क्योंकि सोल्सटिस के समय सूर्य जब अपनी दिशा उत्तर या दक्षिण की ओर बदलता है उससे पहले थोड़ी देर के लिए स्थिर हो जाता है। 22 दिसंबर को विंटर सोलिस्टिस भी कहा जाता है। साइंस के अनुसार इस दिन को दक्षिणायन भी कहते हैं। विंटर सोल्सटिस पर रात लगभग 16 घंटे की होती है।
आखिर क्यों है यह बेहद खास दिन
आपको बता दें कि इस दिन ईरान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान और अर्मेनिया में विंटर सोल्स्टिस को यालदा या शब ए याल्दा के तौर पर मनाया जाता है। (एशिया का सबसे साफ गांव है भारत में) वहीं यहूदी लोगों के द्वारा विंटर सोल्स्टिस को तेकूफात तेवेत के नाम से जाना जाता है जिसे सर्दी की शुरुआत के तौर पर देखा जाता है और चीन में इस दिन पर एक भोज का आयोजन भी होता है जिसमें कई परिवार साथ में भोजन करते हैं। आपको यह भी बता दें कि ईसा पूर्व स्कॅन्डिनेवियन द्वीपों पर यूल त्यौहार के तौर पर मनाया जाता था जो 12 दिनों तक चलता था।