Because of AI jobs will be lost Warning from head of TCS : भारतीय IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के हेड के कीर्तिवासन ने आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव और इसके चलते जाने वाली नौकरियों को लेकर चिंता जताई है। उनका मानना है कि AI के आने के बाद अगले एक साल में कॉल सेंटर पर काम करने वालों की कम से कम जरूरत रह जाएगी। इसका मतलब साफ है कि लाखों लोगों की नौकरियां जाएंगी और कई फिजिकल कॉलिंग सेंटर बंद होंगे।
जॉब्स में कटौती नहीं देखने को मिली
TCS के चीफ एग्जक्यूटिव ने बताया कि फिलहाल हमें जॉब्स में कटौती नहीं देखने को मिली है। हालांकि जेनरेटिव AI के साथ मल्टीनेशनल क्लाइंट्स धीरे-धीरे नए बदलाव को एडॉप्ट करेंगे। भारत और फिलीपींस जैसे देशों में इस बदलाव का प्रभाव उन कॉल सेंटर्स पर पड़ेगा, जिन्होंने बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार दे रखा है।
इंसानों की जगह लेंगे AI आधारित टूल
के कीर्तिवासन ने कहा, "आदर्श स्थिति की बात करें तो आने वाले वक्त में कॉल सेंटर्स पर आने वाले इनकमिंग कॉल्स की संख्या ही बहुत कम और सीमित हो जाएगी।" उन्होंने कहा, "हम ऐसी स्थिति में हैं, जब टेक्नोलॉजी किसी कॉल के आने से पहले समझते हुए कस्टमर की दिक्कत दूर कर सकती है और उसे सही सुझाव दे सकती है।"
ज्यादा काम AI टूल फटाफट कर देंगे
TCS हेड ने कहा है कि चैटबॉट्स ग्राहकों की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री और पिछला बिहेवियर देखते हुए आसानी से समझ जाएंगे कि उसे किस तरह की दिक्कत हो रही होगी। ऐसे में क़ॉल सेंटर कर्मियों की ओर से ज्यादातर काम AI टूल फटाफट कर देंगे। बेशक आज ऐसा नहीं हो रहा लेकिन अगले एक साल के अंदर AI काम करने लगेगा।
फिर जाने वाली हैं ढेर सारी नौकरियां
पहले भी लगातार इस बात पर चर्चा होती रही है कि जेनरेटिव AI टूल्स के चलते कई वाइट-कॉलर जॉब्स के लिए इंसानों की जरूरत नहीं रहेगी। कस्टमर सपोर्ट से लेकर सॉफ्टवेयर डिवेलपर्स तक की छुट्टी AI के बढ़ते प्रभाव के चलते हो सकती है। वहीं, दूसरे पक्ष का यह भी मानना है कि AI के जरिए नई तरह की जॉब्स तैयार भी होंगी और कइयों को रोजगार मिलेगा।