वाशिंगटन (वार्ता) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यरूशलेम के अल-अक्सा मस्जिद परिसर की कानूनी यथास्थिति बनाये रखने का समर्थन जताया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बाइडेन ने यहां व्हाइट हाउस में जॉर्डन के शासक अब्दुल्ला हुसैन द्वितीय के साथ बैठक में यह प्रतिबद्धता जतायी है। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के मुताबिक बाइडेन और प्रिंस हुसैन ने अमेरिका और जॉर्डन के बीच करीबी दोस्ताना संबंधों को व्यक्त किया। इस मौके पर दोनों नेताओं ने इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी से भी फोन पर बात की।
देश के रूख को दोहराया
बैठक में बाइडेन ने अल-अक्सा मस्जिद के आसपास बढ़ते तनाव का जिक्र करते हुए इसके ऐतिहासिक और कानूनी यथास्थिति को बनाये रखने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के परिप्रेक्ष्य में "दो-राज्य समाधान के लिए समर्थन" पर अपने देश के रूख को दोहराया।
इराक की संप्रभुता सराहीं
वहीं प्रिंस हुसैन को मध्य पूर्व में स्थिरता के लिए एक ताकत के रूप में उनकी भूमिका के लिए धन्यवाद दिया।व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडेन ने अल-सुदानी से बातचीत में इराक की संप्रभुता और स्वतंत्रता को मजबूत करने के प्रयासों के संदर्भ में उनकी सराहना की।
प्रतिबद्धता पर जोर दिया
उन्होंने इराक के आर्थिक एजेंडे और अर्थव्यवस्था की भी सराहना की। दोनों नेताओं ने कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) को क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने में सक्षम होने से रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
तीसरा सबसे पवित्र स्थान
गौरतलब है कि अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थान है और यहूदियों के लिए सबसे पवित्र स्थल है। यहूदी इस परिसर को टेंपल माउंट कहते हैं। लंबे समय से चली आ रही व्यवस्था के तहत गैर-मुस्लिम विशेष समय पर स्थल पर जा सकते हैं, लेकिन उन्हें वहां इबादत की अनुमति नहीं है।
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