खबरिस्तान नेटवर्क: गर्मी के मौसम में ज्यादातर लोग जिस चीज का शिकार होते हैं वो है फूड प्वाइजनिंग। फूड प्वाइजनिंग जरूरी नहीं है कि कुछ भी खराब खाना खाने से हो जाए। इसके पीछे की वजह उन चीजों का सेवन करना भी हो सकता है जिन्हें एक साथ खाना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक है। कई लोग गर्मी के मौसम में तैलीय चीजों का सेवन बहुत ज्यादा कर लेते हैं। इससे भी उन्हें फूड प्वाइजनिंग की दिक्कत हो जाती है। इस बारे में हमने बात की शिमला के स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर रमेश चाँद से, जिन्होंने इसके लक्षण और बचने के लिए क्या करना चाहिए बताया, तो चलिए जान लेते हैं।
फूड पॉइजनिंग क्या है?
फूड पाइजनिंग पेट से संबंधित एक संक्रमण (infection) है जो कि स्टैफिलोकोकस नामक बैक्टीरिया, वायरस या अन्य जीवाणुओं के चलते होता है। यह बैक्टीरिया, वायरस या अन्य जीवाणु हमारे खाने के साथ पेट में जाते हैं और जो फूड पाइजनिंग का कारण बनते हैं। खाने के अलावा गंदा पानी पीने या कोई अन्य ड्रिंक लेने की वजह से भी फूड पाइजनिंग होती है, जिसकी वजह से लगातार उल्टियाँ, पेट में दर्द और भूक न लगने जैसी समस्या होनी शुरू हो जाती है।
इसके लक्षण कैसे पहचाने
अगर किसी व्यक्ति को फूड पॉइजनिंग हो गयी है तो उसे-
पेट में दर्द
पेट में मरोड़
दस्त होना
भूख न लगना
मल में खून आना
ठंड लगना और बुखार आना
लगातार सिरदर्द होना
मतली और उल्टी होना
कमजोरी महसूस होना शामिल होता है। ऐसे में इसे इग्नोर न करें। इसके अलावा भी बहुत से अन्य लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे मुँह सुखना, Dehydration होना, पेशाब में खून आना, पेट में एसिड बनना, देखने या बोलने में कठिनाई और दस्त होना, जो 3 दिनों से अधिक समय तक रहता है। साथ ही 102°F (38.9°C) से अधिक बुखार का होना।
फूड पॉइजनिंग होने के क्या कारण है
फूड पॉइजनिंग होने के सामान्य कारणों के आलावा इस गंभीर समस्या के होने के पीछे कई कारण हैं जिसमे बैक्टीरिया, परजीवी (Parasites) और वायरस शामिल है। बता दें कि बैक्टीरिया की वजह से होने वाली फूड पॉइजनिंग की समस्या सबसे ज्यादा गंभीर मानी जाती है। वहीँ परजीवी (Parasites)फूड पॉइजनिंग काफी दुर्लभ होता है। यह मुख्यतौर पर दूषित पानी और दूषित भोजन के जरिये हमारे digestive सिस्टम को हानि पहुचाती है। अगर फल और सब्जियों को ठीक से धो कर न खाया जाये तो इस फूड पॉइजनिंग होने के चांसेस ज्यादा रहते हैं।
फूड पॉइजनिंग की समस्या वायरस के कारण से भी होती है। रोटावायरस, एस्ट्रोवायरस, और हेपेटाइटिस ए वायरस फूड पॉइजनिंग होने के पीछे के मुख्य वायरस है। पैरासाइट की तरह यह भी फूड पॉइजनिंग का एक दुर्लभ कारण होता है।
इसके आलावा और भी बहुत से कारण है जिनमे,
बिना धुले हुए बर्तनों का उपयोग, खराब डेयरी उत्पाद लेना, बिना हाथ धोए खाना बनाने या खाना लेना, साफ़ पानी न पीना और बिना धूली सब्जी या फल खाना साथ ही कच्चा मांस लेते वक्त ध्यान रखना कि जो भी आप मांस ले रहे हैं वह पूरी तरह से पका हुआ हो।
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इससे छुटकारा कैसे पायें
किसी भी रोग से छुटकारा पाने का एक ही तरीका है कि आप जल्द से जल्द उसकी पहचान कर उसका इलाज शुरू कर दें। अगर आप फूड पॉइजनिंग से जूझ रहे हैं तो आप इसके लिए डॉक्टर सलाह लेके इलाज करवाएं। इसके अलावा
ओ.आर.एस का घोल जरूर पियें। जल्द आराम मिलेगा।
सादा भोजन खाएं, रोगी को तेल, मसालों और ज्यादा मिर्च से दूर ही रहना चाहिए। रोगी ऐसे में दलिया, खिचड़ी, रोटी और सादी सब्जी को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
दही और छाछ है बेस्ट
अपने आहार में दही या छाछ को शामिल करें। इससे पेट में ठंढक पहुँचती है और पेट में पानी की कमी दूर होती है।
सफाई पर ध्यान दें
हाथ-पैरों को साफ़ रखें। साथ ही जिन बर्तनों में खाना खा रहे हैं उनकी सफाई पर भी ध्यान।
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