खबरिस्तान नेटवर्क: यूं तो इस दुनिया में मां को सबसे ऊपर का दर्जा दिया जाता है। लेकिन एक पिता का भी अपने बच्चे और परिवार में बहुत ही अहम रोल होता है। एक तरफ मां जहाँ बच्चे को जन्म देती है,वहीँ पिता बच्चे को सभ्य बनाने के साथ-साथ उनका भरण पोषण के लिए सारी उम्र कड़ी मेहनत करता है। पिता के इसी बलिदान को लोगों तक पहुँचाने के लिए जून महीने के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। इस बार फादर्स डे 19 जून को मनाया जा रहा है।
कब हुई थी इसको मनाने की शुरुआत

बता दें कि वाशिंगटन शहर की रहने वाली 16 साल की सोनोरा लुईस की मां का निधन हो चूका था और उनके पांच छोटे भाई बहन हुआ करते थे। तब उनके पिता ने अकेले ही इन सभी की परवरिश की थी। पिता ने जहां एक मां का रोल निभाते हुए अपनी बेटी की परवरिश की थी, वहीं एक पिता की तरह उसकी सुरक्षा और फिक्र को भी हमेशा सोचा। सोनोरा को अपने पिता से बहुत प्यार था, जिनके वजह से उन्हें मां की कमी कभी महसूस नहीं हुई। तभी सोनोरा के मन में ख्याल आया कि जब मां को सम्मान देने के लिए मदर्स डे मनाया जाता है तो फिर पिता के प्रेम और स्नेह और त्याग के सम्मान में फादर्स डे क्यों नहीं मनाया जाता। बस सोनोरा की यही सोच ने अपने पिता को सम्मान देने के लिए 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे सेलिब्रेट किया। लेकिन शायद ये आपको नहीं पता होगा कि सोनोरा के पिता का जन्मदिन जून में होता था। इसलिए उन्होंने जून में फादर्स डे मनाने की याचिका दायर की। फादर्स डे मनाने के लिए अपनी याचिका को सफल कराने के लिए उन्होंने यूएस तक में कैंप भी लगाए थे। आखिरकार उनकी मांग पूरी हुई और 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे मनाया गया।
इस दिन का महत्व

बच्चों के बेहतर भविष्य, उनकी छोटी छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत करने वाला शख्स पिता ही होता है। आज भले ही मां भी कड़ी मेहनत करती हुई दिख जाती हैं। लेकिन पिता के द्वारा किये गये इस बलिदान को सम्मानित करने के लिए इस दिन फादर्स डे के रूप में मनाया जाना बिलकुल सही भी है। वैसे तो बच्चों के लिए हर दिन ही पिता का दिन हैं। लेकिन खास तरीके से पिता को थैंक्यू कहने के लिए इसदिन को मनाया जाने लगा।
किस तरह मना सकते हैं फादर्स डे

इस दिन आप सुबह सुबह उठ कर अपने पिता से आशीर्वाद ले सकते हैं। अगर तो आपकी छुट्टी है तो आप उनके साथ कही बाहर घूमने जा सकते हैं। उन्हें कोई ऐसा गिफ्ट दें सकते हैं, जिसे देख कर उनको ये अहसास हो सके कि जितना प्यार वो आपसे करते हैं, उतना ही आप भी उनसे करते हैं।