ख़बरिस्तान नेटवर्क। नवजोत सिंह सिद्धू का ज्योतिष और वास्तु पर विश्वास जग जाहिर है। वीरवार को नवजोत सिंह सिद्धू के रोड रेज मामले की सुनवाई थी। इसी दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने पटियाला में एक प्रदर्शन का आयोजन किया जो महंगाई के खिलाफ था। प्रदर्शन में सिद्धू ने हाथी की सवारी की। पटियाला में इस बात की चर्चा है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने हाथी की सवारी ज्योतिषी के कहने पर की है ताकि रोड रेज मामले में उन्हें कम से कम सजा हो।
ज्योतिष में हाथी की ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष में बड़े पद या रुतबा हासिल करने के लिए हाथी की सवारी का उपाय बताया जाता है। इससे पहले पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी घर पर हाथी मंगवाकर उसकी सवारी की थी। उन्हें भी ज्योतिषी ने हाथी की सवारी करने के लिए कहा था। मगर सिद्धू को हाथी की सवारी रोड रेज मामले में सजा से न बचा सकी। या अगर आप ज्योतिष में विश्वास करते हैं तो ये कह सकते हैं के हाथी की सवारी करके सिद्धू को सजा कम हुई।
कोई और नेता नहीं आया
सिद्धू के इस प्रदर्शन में कोई और बड़ा कांग्रेसी नेता नजर नहीं आया। इसकी वजह ये भी है कि अगर कोई बड़ा नेता आता तो उसे भी हाथी पर चढ़ाना पड़ता। इसलिए ये प्रदर्शन सिद्धू का ही थी। जिस दौरान सिद्धू हाथी की सवारी कर रहे थे। उसी दौरान पार्टी प्रदेश प्रधान राजा वड़िंग संगरूर में उप चुनाव की तैयारियों के लिए मीटिंग कर रहे थे।
हाथी से की थी महंगाई से की थी तुलना
प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। महावत ने सुबह बड़ी मुश्किल से हाथी के बैठाया था। वीडियो में सिद्धू गिरने से बचने के लए अपना संतुलन बनाते देखे गए। इस मौके पर सिद़्धू ने हाथी की तुलना महंगाई से की थी। सिद़्धू ने कहा कि - जितना बड़ा हाथी है, उसी तरीके से महंगाई बढ़ रही है। खाने का कच्चा तेल 75 से 190 रुपए(लीटर) हो गया। दाल 80 से 130 रुपए हो गई। इतने में तो मुर्गा आ जाता। मुर्गा-दाल एक बराबर। इसका असर गरीब, मिडिल क्लास और किसानों पर पड़ा है। यह एक प्रतीक प्रदर्शन है।
1998 के रोड रेज मामले में सिद्दधू को एक साल की सजा
इस बीच 1988 के रोड रेज मामले(1988 road rage case) में नवजोत सिंह सिद्धू को 1,000 रुपये के जुर्माने से मुक्त करने के आदेश की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पुराना आदेश बदलकर उन्हें 1 साल कैद की सजा सुनाई है। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया गया था, क्योंकि मृतक को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट 12 सितंबर, 2018 को मामले में सिद्धू पर 1,000 रुपये जुर्माने के 15 मई, 2018 के आदेश की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका पर विचार के लिए सहमत हुआ था। सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह संधू पर शुरू में हत्या का मुकदमा चला था, हालांकि, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने फैसले को उलट दिया था। बता दें कि मामले में मारपीट के बाद बुजुर्ग की मौत हो गई थी। सिद्धू अगर अब सरेंडर नहीं करेंगे, तो उन्हें अरेस्ट किया जाएगा।