मथुरा (वार्ता) भक्ति वेदान्त अस्पताल मुम्बई एवं देश विदेश के चिकित्सक तथा सैकड़ों सेवा देने वाले लोग राधारानी की नगरी बरसाना एवं उसके आसपास के 120 गांवों से अंधता निवारण के लिए शिविर लगाकर पिछले तीन दशक से अधिक समय से प्रयास कर रहे हैं। अब तक 38 हजार लोगों का मोतियाबिन्द का इलाज आपरेशन कर किया जा चुका है। इन चिकित्सकों ने अपने इस मिशन में एक दशक से दंत चिकित्सा को और जोड़ दिया है जिसमें दांतों की सफाई, रूट कैनाल जैसे रोगों के इलाज के साथ साथ अधिक आयु के लोगों के नकली दांत भी लगाए जा रहे हैं साथ ही बच्चों और युवाओं में पायरिया जैसे दांत के रोगों को रोकने का भी प्रयास किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि चिकित्सा के दौरान मरीज एवं तिमारदार के भोजन, रहने की व्यवस्था से लेकर हर मरीज को मुफ्त चश्मा एवं कम्बल तथा अन्य आवश्यक सामग्री दवाइयां निःशुल्क दी जा रही है।
हर साल पांच से 6 हजार लोग मोतियाबिन्द के शिकार
भक्ति वेदान्त अस्पताल के निदेशक प्रोजेक्ट डाॅ. वेंकटारमनन ने आज बताया कि क्षेत्र में हर साल पांच से 6 हजार लोग मोतियाबिन्द के शिकार हो रहे हैं जिनमें से लगभग तीन हजार की चिकित्सा हर साल करने के बावजूद दो हजार लोग बिना चिकित्सा के बच जाते हैं। उन्होंने बताया कि शुरूआत से एक दशक तक तो बिना इलाजवालों की संख्या अधिक थी किंतु उसके बाद एक धर्मशाला किराये पर लेकर उसमें ही अत्याधुनिक आपरेशन थियेटर बनाकर वर्ष पर्यन्त आपरेशन करने की व्यवस्था की गई तथा चिकित्सकों आदि की एक टीम बरसाने में ही रह रही है इसके बावजूद सभी का इलाज संभव नही हो पा रहा है।
बरसाना में ही अत्याधुनिक अस्पताल बनाया जा रहा
उनका कहना था कि इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए भक्ति वेदान्त अस्पताल की ओर से बरसाना में ही एक अत्याधुनिक अस्पताल बनाया जा रहा है जो अगले साल तक बनकर पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल अस्पताल बन जाने के बाद क्षेत्र की स्वास्थ्य संबंधी समस्या का बेहतर निराकरण हो सकेगा। भक्ति वेदान्त अस्पताल मुम्बई के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा0 रंजीत वागले ने बताया कि इस साल दो सप्ताह तक चलनेवाले शिविर में अब तक 600 लोगों के आंख के आपरेशन किये जा चुके हैं तथा 100 से अधिक लोगों के नकली दांत लगाए गए हैं।
रोज सैकड़ो लोगों को चिकित्सा का परामर्श भी दे रहे हैं
इसके अलावा विभिन्न रोगों के चिकित्सक रोज सैकड़ो लोगों को चिकित्सा का परामर्श भी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस शिविर में सेवा देने के लिए 12 नेत्र रोग के स्पेशलिस्ट, 14 दन्त चिकित्सक, 5 फिजीशियन, एक आर्थोपेडिक सर्जन, 2 एनेस्थेटिक्स, 50 नर्स, 15 ओटी टेक्नीशियन एवं 250 वालेन्टिर देश के विभिन्न भागों, अमेरिका, सिंगापुर से आए हैं कोविड के कारण इस बार लन्दन के चिकित्सक नही आ पाए हैं। इस वर्ष 1000 को नेत्र दान करने का लक्ष्य रखा गया है। इस शिविर में आए चिकित्सकों एवं वालेन्टियर्स आदि का सेवाभाव देखते ही बनता है।
ब्रजवासियों की सेवा से राधारानी का आशीर्वाद मिल रहा
अमेरिका से आई कीर्ति राधिका देवी ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें राधारानी की नगरी में रहनेवाले ब्रजवासियों की सेवा करने का अवसर मिल रहा है तो न्यूयार्क से आई सुखावहा माता जी ने कहा कि चूंकि ब्रजवासी राधरानी की आराधना करते हैं इसलिए ब्रजवासियों की सेवा से उन्हें राधारानी का आशीर्वाद मिल रहा है। कुछ इसी प्रकार के विचार उन विशेषज्ञ चिकित्सकों के हैं जो अपने नाम का प्रचार नही चाहते हैं। कुल मिलाकर राधारानी की नगरी में चिकित्सकों एवं वालेन्टियर्स आदि द्वारा किया जा रहा सेवा कार्य सेवा का एक माॅडल बन गया है।
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