पब्लिक इंटरेस्ट

फिनलैंड का यह ट्रैफिक रूल भारत में भी लागू हो जाए तो कईयों की ठिकाने आ जाए अक्‍ल

फिनलैंड का यह ट्रैफिक रूल भारत में भी लागू हो जाए तो कईयों की ठिकाने आ जाए अक्‍ल

हमारे देश में ट्रैफिक नियमों का उल्‍लंघन करने पर सबको बराबर ही फाइन भरना होता है. नियम तोड़ने वाला कितना कमाता है, इस बात से जुर्माने का कोई संबंध नहीं है। लेकिन, फिनलैंड में ऐसा नहीं है।

इस मंदिर में नहीं कोई देवी-देवता तलाक लेने के बाद यहां खूब आती हैं महिलाएं जानें कारण

इस मंदिर में नहीं कोई देवी-देवता! तलाक लेने के बाद यहां खूब आती हैं महिलाएं, जानें कारण

ये मंदिर जापान में है, जिसे मात्सुगोका टोकेई-जी के नाम से स्थापित किया गया था। घरेलू हिंसा का शिकार हुई महिलाएं यहां आती हैं यह मंदिर जापान के कामकुरा शहर, कानागावा प्रान्त में स्थित है।


बीपी, शुगर समेत 23 दवाइयों की कीमत सरकार ने तय की

बीपी, शुगर समेत 23 दवाइयों की कीमत सरकार ने तय की

खबरिस्तान नेटवर्क, दिल्ली। देश में दवाईयों की कीमतें निर्धारित करने वाली संस्था एनपीपीए (NPPA) ने शुक्रवार बीपी, शुगर और हाई बीपी की दवा समेत 23 फॉर्मूलेशन की अधिकतम रिटेल कीमत फिक्स कर दी है। ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) ऑर्डर, 2013 के तहत इन दवाओं की कीमत तय की गई है। एनपीए के आर्डर के मुताबिक शुगर की बिमारी में इस्तेमाल होने वाली ग्लिक्लाजाइड ईआर और मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड की एक टेबलेट का रेट 10.03 रुपये फिक्स कर दिया गया है। टेल्मिसर्टन, क्लोरथालिडोन और सिल्नीडिपाइन की एक टेबलेट की कीमत 13.17 रुपए तो वहीं ट्रिप्सिन, ब्रोमेलैन, रुटोसाइड ट्राइहाइड्रेट और डिक्लोफेनाक सोडियम टैबलेट की एक गोली का दाम 20.51 रुपये होगा। एनपीपीए ने 2013 के आदेश के तहत 15 अनुसूचित फॉर्मूलेशन के अधितम मूल्य को भी संशोधित किया है। आदेश के मुताबिक, अनुसूचित सूत्रीकरण की भी अधिकतम कीमत तय और संशोधित की है। 
पिछले हफ्ते बैन की थी दवाईयां 
केंद्रीय सेहत मंत्रालय ने पिछले हफ्ते 14 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवाओं पर बैन लगाया था। प्रतिबंधित दवाओं में सामान्य संक्रमण जैसे सर्दी खांसी, कफ, बुखार को ठीक करने वाली निमेसुलाइड और पैरासिटामोल टैबलेट के अलावा क्लोफेनिरामाइन मेलेट और कोडाइन सिरप का कांबिनेशन, फोल्कोडाइन और प्रोमेथाजाइन, एमोक्सोलिन और ब्रोहेक्साइन थी। इनके अलावा ब्रोहेक्साइन और डेक्सट्रोमेथोरफैन और अमोनियम क्लोराइड और मेंथोल, पैरासिटामोल और ब्रोहेक्साइन और फेनाइलेफराइन और क्लोरफेनिरामाइन और गुइफेंसिन और सैलबुटामोल और ब्रोहेक्साइन के कॉम्बिनेशन वाली दवा शामिल थी।

https://webkhabristan.com/public-interest/government-fixed-the-price-of-23-medicines-including-bp-sugar-29367
गौतम अडानी ने शेयर बेचकर चुकाया 2.65 अरब डॉलर का कर्ज़

गौतम अडानी ने शेयर बेचकर चुकाया 2.65 अरब डॉलर का कर्ज़

ख़बरिस्तान नेटवर्क, डेस्क : अडानी समूह ने अपने कर्ज को कम करने और अमेरिकी शॉर्ट सेलर द्वारा नकारात्मक रिपोर्ट के बाद निवेशकों का विश्वास हासिल करने के लिए 2.65 अरब डॉलर के कर्ज़ का भुगतान कर दिया है। अडानी समूह ने घोषणा की कि उन्होंने अपनी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों को कॉलेटरल के रूप में उपयोग करके लोन में कुल 2.15 बिलियन डॉलर का भुगतान किया है और अंबुजा सीमेंट को खरीदने के लिए लिया गया अतिरिक्त 700 मिलियन डॉलर का लोन चुकाया है। 203 मिलियन डॉलर का किया भुगतान अडानी समूह ने यह भी बताया कि उन्होंने लोन चुकाने के साथ ब्याज के रूप में अतिरिक्त 203 मिलियन डॉलर का भुगतान किया। उन्होंने अपनी चार लिस्टेड कंपनियों में वैश्विक निवेश फर्म GQG Partners को 1.87 बिलियन डॉलर (लगभग 15,446 करोड़ रुपए) में शेयर बेचे। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप अडानी समूह ने कहा कि कर्ज कम करने की उनकी योजना से पता चलता है कि बाजार के डांवाडोल होने पर भी वे किस तरह प्रभावी ढंग से अपने पैसे को मैनेज कर रहे हैं और फंड जुटा रहे हैं। वे अपनी सभी कंपनियों में अपने पैसे को लेकर सावधान हैं। 145 अरब डॉलर की दिखी गिरावट यूएस शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी में अडानी समूह पर अकाउंट फ्रॉड और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी, जिससे शेयर बाजार में गिरावट आई, जिसने समूह के बाजार मूल्य के लगभग 145 बिलियन अमेरीकी डॉलर का सफाया कर दिया था।

https://webkhabristan.com/public-interest/gautam-adani-paid-off-265-billion-debt-by-selling-shares-29178
व्हाट्सऐप से लिंक हुआ भारतीय रेलवे, एक मैसेज से मिलेगी यात्रा की पूरी जानकारी

व्हाट्सऐप से लिंक हुआ भारतीय रेलवे, एक मैसेज से मिलेगी यात्रा की पूरी जानकारी

वेब खबरिस्तान, नई दिल्ली : गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो चुकी है। ऐसे में आप भी ट्रेन के जरिए कहीं न कहीं घूमने तो जाएंगे ही। ऐसे में यात्रा के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे द्वारा आए दिन कई तरह के काम किए जाते हैं। इसी कड़ी में अब भारतीय रेलवे की कुछ सुविधाओं को व्हाट्सऐप से जोड़ दिया गया है। यानी अगर आपके फोन में व्हाट्सऐप है और आप कहीं भी यात्रा करते हैं तो आप ट्रेन के पीएनआर यानी अपने बुकिंग स्टेट्स और ट्रेन के लाइव स्टेट्स को आसानी से चेक कर सकते हैं। रेलवे की खास सुविधा रेलवे का यह फीचर रियर टाइम पीएनआर स्टेट्स और ट्रेन यात्री की जानकारी व्हाट्सऐप पर देता है। साथ ही ट्रेन को आप लाइव ट्रैक भी कर सकते हैं। यही नहीं ट्रेन में होने वाली देरी, ट्रेन के स्टेशन, ट्रेन कितनी लेट है, स्टेशन अलर्ट जैसी सुविधाओं का लाभ व्हाट्सऐप पर ले सकते हैं। सारी जानकारी मिलेगी इसके लिए आपको व्हाट्सऐप चैटबॉट पर अपने पीएनआर को दर्ज करना होगा। इसी के साथ ही आपको सारी जानकारियां व्हाट्सऐप पर मिल जाएंगी। अब आपको बताएंगे कि कैसे व्हाट्सऐप का इस्तेमाल कर रेलवे की इन सुविधाओं का लाभ लिया जा सकता है। इस नंबर को सेव कर लें अगर आप एंड्रॉयड यूजर हैं तो प्ले स्टोर और एप्पल यूजर हैं तो ऐप स्टोर पर जाकर व्हाट्सऐप को अपडेट करें या फिर आपको फोन में व्हाट्सऐप नहीं है तो इसे डाउनलोड कर अपनी आईडी बनाएं। इसके बाद व्हाट्सऐप ओपन कर यहां ट्रेन इंक्वायरी नंबर +91-9881193322 को अपने फोन में सेव कर लें। समय पर मिलती रहेगी अब व्हाट्सऐप खोलकर न्यू मैसेज के बटन पर क्लिक करें। इसके बाद कॉन्टैक्ट लिस्ट से सेव किए गए नंबर को चैट के लिए ओपन करें। यहां 10 अंकों का पीएनआर दर्ज सेंड करे। ऐसा करते हैं रेलवे के पास यह पहुंचेगा और आपके फोन में ट्रेन की रियल टाइम जानकारी समय समय पर आपको मिलती रहेगी। व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाईन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें https://chat.whatsapp.com/LVthntNnesqI4isHuJwth3

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विमान की भी स्पीड को खुली चुनौती! एक घंटे में 600 किमी, ये है दुनिया की सबसे तेज ट्रेन

विमान की भी स्पीड को खुली चुनौती! एक घंटे में 600 किमी, ये है दुनिया की सबसे तेज ट्रेन

वेब खबरिस्तान, जापान : दुनिया भर के तमाम देशों में ट्रेनों की स्पीड को लेकर हमेशा चर्चा चलती रहती है. आए दिन चीन, जापान, अमेरिका और भारत में भी रेल नेटवर्क के द्वारा उन्नत ट्रेनों का प्रयोग सामने आता रहता है। लेकिन इसी कड़ी में हाल ही में जापान की एक ट्रेन चर्चा में है जिसने 603 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से स्पीड दिखाकर दुनिया को चौंका दिया था. वैसे तो यह ट्रेन जापान में काफी पहले ही चली थी लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर जब दुनिया की सबसे तेज ट्रेन की बात चली तो इस ट्रेन का नाम सामने आ गया। L0 Series Maglev दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ट्रेन का नाम L0 Series Maglev है. यह ट्रेन दुनिया की सबसे फास्ट ट्रेन है. जापान की यह ट्रेन एक घंटे में 603 किलोमीटर का सफर कर देती है. इस ट्रेन की लंबाई 981 फीट है. यह एक हाई स्पीड ट्रेन है. इसकी स्पीड की बराबरी दुनिया की कोई भी ट्रेन नहीं कर पाई है. जब भी दुनिया की सबसे तेज ट्रेन की बात होती है तो जापान की इस ट्रेन का नाम पहले आता है. सभी रिकॉर्ड तोड़ दिये इस ट्रेन के लांचिंग के समय सेंट्रल जापान रेलवे ने अपने एक बयान में कहा था कि मैग्लेव ट्रेन ने 603 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़कर सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और करीब 11 सेकेंड तक यह ट्रेन 600 की रफ्तार से चलती रही. विद्युत चुंबक की मदद से चलने वाली इस ट्रेन का टेस्ट रन टोक्यो के दक्षिण में माउंट फिजी के पास किया गया था. आप इस बात को सुनकर हैरत में पड़ जाएंगे कि इस ट्रेन के पहिए पटरी पर टच नहीं रहते हैं. मैग्नेटिक लेविटेशन सिस्टम असल में यह ट्रेन पटरियों पर नहीं, बल्कि पटरियों के ऊपर दौड़ती है. इसे मैग्नेटिक लेविटेशन सिस्टम कहा जाता है. इसमें पहिए और पटरियों के बीच चुंबकीय फोर्स काम करता है. लेविटेशन सिस्टम से पटरियों और पहियों के बीच घर्षण की मात्रा बिल्कुल खत्म हो जाती है, जिससे ट्रेन को कम समय में रफ्तार पकड़ने में मदद मिल जाती है. हालांकि अब चीन ने भी ऐसी ट्रेन बना ली है जो 600 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है. व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाईन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें https://chat.whatsapp.com/LVthntNnesqI4isHuJwth3

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सबसे बड़ा मुस्लिम मुल्क, मगर युवाओं को पसंद नहीं इस्लाम, धर्म बदलकर अपना रहे ये मजहब!

सबसे बड़ा मुस्लिम मुल्क, मगर युवाओं को पसंद नहीं इस्लाम, धर्म बदलकर अपना रहे ये मजहब!

वेब खबरिस्तान, नई दिल्ली : इस्लाम अपने समय का सबसे आधुनिक मजहब माना जाता रहा है। .आधुनिक युग में दुनिया में इस धर्म के अनुयायियों की संख्या करीब 1.8 अरब है. यानी दुनिया की करीब एक चौथाई आबादी इस्माल को अपना मजहब मानती है। दुनिया के 26 देशों में इस्लाम आधिकारिक मजहब है. वैसे भी दुनिया में ईसाई धर्म के बाद दूसरा सबसे बड़ा मजहब है इस्लाम। इसके आलोचक भी यह मानते है कि अगर सही तरीके से इसका पालन किया जाए तो इस्लाम वाकई में एक वैज्ञानिक धर्म रहा है. लेकिन, सच कि दुनिया का हर मजहब क्षेत्र विशेष और काल खंड के हिसाब से बदलता रहा है. आज अधिकतर इस्लामिक दुनिया अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। फिर एक प्रभावी धर्म के रूप में बौद्ध आया और इसने एक बृहद दुनिया पर अपना प्रभाव छोड़ा. फिर ईसाई और इस्लाम आया और इसने दुनिया के करीब-करीब हर इलाके तक लोगों को प्रभावित किया। प्रगतिशील मुल्कों में पहचान खैर आज हम धर्मों के इतिहास पर बात नहीं कर रहे हैं. आज की चर्चा की एक ऐसे मुल्क के बारे में है जो दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामिक देश है. यहां 23 करोड़ से अधिक लोग इस्लाम धर्म को फॉलो करते हैं. यहां की आबादी में इनकी हिस्सेदारी 86.7 फीसदी है. मगर इनकी संस्कृति इस्लामिक नहीं है. इनकी संस्कृति पर सनातन धर्म का गहरा प्रभाव है. इनके कई इलाके हिंदू बहुल हैं. इस देश की गिनती दुनिया के प्रगतिशील मुल्कों में होती है. इंडोनेशिया की हो रही चर्चा ऐतिहासिक तौर पर यह मुल्क इस्लामिक होने के बावजूद मध्य पूर्व के इस्लामिक देशों जैसा नहीं रहा है. दरअसल, हम जिस देश की बात कर रहे हैं उसका नाम है इंडोनेशिया. आज इसकी चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि सबसे बड़ा इस्लामिक मुल्क होने के बावजूद इस देश में इस्लाम के प्रति लोगों का लगाव लगातार कम हो रहा है. बीते कुछ सालों में कई रिपोर्ट्स में दावे किए गए हैं कि इंडोनेशिया में लाखों की संख्या में मुस्लिम लोग ईसाई धर्म को अपना रहे हैंं। बढ़ रही मुस्लिमों की आबादी आज की तारीख में इंडोनेशिया में करीब 2.9 करोड़ ईसाई हैं जो देश की कुल आबादी के 11 फीसदी हैं. लेकिन 1990 के दशक में यानी करीब 30 साल पहले यहां की आबादी में केवल 9.6 फीसदी ईसाई थे. ईसाई समुदाय की आबादी में बढ़ोतरी के पीछे एक बड़ी वजह धर्मांतरण हैं. आज इंडोनेशिया में कई ऐसे इलाके हैं जहां ईसाई धर्म के लोग बहुसंख्यक हो चुके हैं. वैसे सही है कि ईसाई धर्म की आबादी बढ़ने की वजह से यहां पर 1950 के दशक से ही छिटपुट हिंसा की घटनाएं होती रही हैं. हिंदुओं की भी बढ़ रही आबादी इंडोनेशिया की संस्कृति पर आदि काल से ही सनातन धर्म का प्रभाव रहा है. यहां की करेंसी पर गणेश की तस्वीर रहती है. इसके साथ ही यहां मुस्लिम लोग सनातन संस्कृति के बहुत करीब हैं. यहां का बाली द्वीप हिंदू बहुल है. यहां पर रामलीला और अन्य हिंदू त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं. यहां मुस्लिम लोग भी स्वीकार करते हैं कि उनके पूर्वज सनातनी थे और इसपर उनको गर्व होता है। दक्षिण और पूर्व एशिया प्रभावित रही बात आबादी की तो पूरे इंडोनेशिया के संदर्भ में देखें तो यहां हिंदुओं की कुल आबादी बहुत ज्यादा नहीं है. 2018 की जनगणना के अनुसार इंडोनेशिया में करीब 46.5 लाख हिंदू हैं. वैसे इनकी आबादी मुस्लिम समुदाय की आबादी की तुलना में ज्यादा बढ़ रही है. ये कुल आबादी के 1.74 फीसदी हैं जबकि 2010 में इनकी हिस्सेदारी 1.69 फीसदी थी. अलग-अलग काल खंड में अलग-अलग धर्मों का प्रभाव रहा है. सनातन धर्म की ही बात की जाए तो आप देखेंगे कि एक दौर में पूरे दक्षिण और पूर्व एशिया पर इसका प्रभाव रहा। व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाईन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें https://chat.whatsapp.com/LVthntNnesqI4isHuJwth3

https://webkhabristan.com/public-interest/young-people-do-not-like-islam-changing-their-religion-to-this-religion-28504
करोड़ों एंड्रॉयड यूजर्स पर Daam मैलवेयर का खतरा, सरकार का अलर्ट, ऐसे रहें सेफ

करोड़ों एंड्रॉयड यूजर्स पर Daam मैलवेयर का खतरा, सरकार का अलर्ट, ऐसे रहें सेफ

वेब खबरिस्तान, नई दिल्ली : आईओएस की तुलना में कई लोग Android पर चलने वाला डिवाइस खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि इसमें आपको कई चीजों की आजादी मिलती है, जैसे कि आप एंड्रॉयड डिवाइस में कहीं से भी गेम या ऐप इंस्टॉल कर सकते हैं। लेकिन कई बार यही आजादी, लोगों की परेशानी का कारण बन जाती है क्योंकि इससे मैलवेयर अटैक का खतरा बढ़ जाता है। भारतीय साइबर सिक्योरिटी एजेंसी CERT-IN ने ऐसे ही एक नए मैलवेयर Daam को लेकर एडवाइजरी जारी की है। यह मैलवेयर न सिर्फ आपका अहम और गोपनीय डेटा चुरा सकता है बल्कि रैंसमवेयर की तरह भी काम कर सकता है। चलिए बताते हैं दाम मैलवेयर क्यों खतरनाक है और आप इससे कैसे सेफ रह सकते हैं। दाम एंड्रॉयड मैलवेयर: कितनी खतरनाक है? CERT-IN की एडवाइजरी में कहा गया है कि Daam मैलवेयर, एंड्रॉयड डिवाइस में तेजी से फैल रहा है। इस मैलवेयर को फैलाने के लिए अविश्वसनीय सोर्स और थर्ड पार्टी वेबसाइट्स से डाउनलोड किए गए ऐप का उपयोग किया जा रहा है। डिवाइस को संक्रमित करने के लिए इसे एंड्रॉयड एपीके फाइल्स के जरिए फैलाया जा रहा है। सबसे ज्यादा डराने वाली बात यह है कि यह एंटीवायरस प्रोग्राम को बायपास भी कर सकता है और प्रभावित डिवाइस पर रैंसमवेयर तैनात कर सकता है। डिवाइस में पहुंचने पर क्या करता है मैलवेयर डिवाइस तक पहुंचने के बाद दाम सबसे पहले सिक्योरिटी चेक को बायपास करने का प्रयास करता है। सफल होने पर, डिवाइस पर स्टोर सभी डेटा चोरी करना है। इसमें रीडिंग हिस्ट्री, कॉल लॉग, बुकमार्क, एसएमएस चोरी करना, फाइल डाउनलोड/अपलोड करना और यहां तक ​​कि डिवाइस पासवर्ड को मॉडिफाई करना भी शामिल हो सकता है। यह बैकग्राउंड प्रोसेस को भी खत्म कर सकता है, कॉल रिकॉर्ड कर सकता है, स्क्रीनशॉट कैप्चर कर सकता है और डिवाइस के कैमरे तक पहुंच सकता है। बातें भी सुन सकता, कैमरा एक्सेस कर सकता जब कॉल रिकॉर्डिंग करने की बात आती है, तो यह रेगुलर फोन कॉल और वीओआईपी कॉल दोनों के साथ ऐसा कर सकता है। मैलवेयर पीड़ित के डिवाइस से चुराए गए सभी डेटा को C2 सर्वर तक पहुंचाता है। इसमें रैंसमवेयर जैसे क्षमताएं भी हैं। यह एईएस एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम के माध्यम से डिवाइस पर फाइलों को एन्क्रिप्ट कर सकता है और अन्य सभी लोकली स्टोर फाइलों को डिलीट कर सकता है। सभी एन्क्रिप्ट की गई फाइलों में ".enc" एक्सटेंशन होता है। दाम एंड्रॉयड मैलवेयर से बचना है, तो रखें ये बातें एडवाइजरी में यह भी बताया है कि एंड्रॉयड यूजर्स Daam मैलवेयर से सुरक्षित रह सकते हैं। यहां हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें फॉलों करके आप इस मैलवेयर से सेफ रह सकते हैं। - हमेशा गूगल प्ले स्टोर या आपके डिवाइस के ब्रांड जैसे ओप्पो, सैमसंग, शाओमी द्वारा प्रदान किए गए ऐप स्टोर से ही एंड्रॉयड ऐप और गेम इंस्टॉल करें। - किसी भी नए ऐप/गेम को डाउनलोड करने से पहले यूजर रिव्यू और रेटिंग चेक करें। - जितना जल्दी हो सके एंड्रॉयड सिक्योरिटी अपडेट/पैच इंस्टॉल करें। - एसएमएस/ईमेल/डीएम के माध्यम से शेयर किए गए अनजान/अविश्वसनीय वेबसाइट लिंक पर क्लिक न करें और ऐसी वेबसाइट्स पर न जाएं। - केवल उन यूआरएल पर क्लिक करें जो स्पष्ट रूप से वेबसाइट डोमेन दिखता है। अगर आपको संदेह है, तो चेक करने के लिए सीधे सर्च इंजन का यूज करके ऑर्गनाइजेशन की वेबसाइट ढूंढ सकते हैं कि आप जिन वेबसाइट्स पर गए वे सही है या नहीं। - छोटे यूआरएल (bit.ly या TinyURL) पर सीधे क्लिक करने से बचें। फुल यूआरएल की जांच करने के लिए URL चेकर्स का उपयोग करें या शॉर्ट URL के कंटेंट का प्रीव्यू देखने के लिए शॉर्टनिंग सर्विल प्रीव्यू फीचर का यूज करें। - हमेशा अपने एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें। - किसी भी वेबसाइट के साथ कोई भी संवेदनशील डिटेल शेयर करने से पहले वेलिड एन्क्रिप्शन सर्टिफिकेट (ब्राउजर एड्रेस बार में हरा लॉक) देखें। व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाईन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें

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गरीब हों या अमीर... इन देशों में काफी कम पैसों में कट जाएगी जिंदगी!

गरीब हों या अमीर... इन देशों में काफी कम पैसों में कट जाएगी जिंदगी!

वेब खबरिस्तान, नई दिल्ली : महंगाई के दौर में बढ़ते पैसों, रहन-सहन और साख को लेकर एक-दूसरे के बीच बढ़ते मनमुटाव के कारण हर कोई चाहता है कि उसका गुुजारा सरलतापूर्वक चलता रहे। यह रही आम आदमी की बात। वित्तीय स्थिति बेहतर करने के लिए एक-दूसरे का सहयोग लेकर आगे बढ़ना तो हर कोई चाहता है परंतु रुकावट पैदा करती है देश की अर्थव्यवस्था। बावजूद कई देशों में महंगाई के चलते ऐसेे हालात हैं जिसे पार पाना आम आदमी के बस की बात नहीं रही। पाक की महंगाई दर 36.3 फीसदी वहीं कुछ ऐसे देश भी हैं, जहां जीवन गुजारना बेहद सस्ता है, जिसमें भारत भी शामिल है। World of Statistics के डाटा के मुताबिक, जीवन गुजारने के लिए सबसे सस्ता देश पाकिस्तान है. हालांकि यहां महंगाई दर अप्रैल महीने के दौरान 36.3 फीसदी थी। मिस्त्र में भी रिकॉर्ड तरीके से बढ़ी पाकिस्तान की तरह ही मिस्त्र में भी महंगाई रिकॉर्ड तरीके से बढ़ी है. यहां मार्च में महंगाई दर 31.9 फीसदी पर थी. हालांकि यहां चीजें अन्य देशों की तुलना में सस्ती कीमत पर मिल जाती है. इस कारण ये जीवन गुजारने के लिए दूसरे नंबर पर सबसे सस्ता देश है। देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी भारत में महंगाई कंट्रोल में है. देश की अर्थव्यवस्था अन्य की तुलना में तेजी से बढ़ी है. एक सर्वे के मुताबिक, भारत का लोकल खरीद पावर 20.9 फीसदी सस्ता है, किराया 95.2 फीसदी सस्ता, ग्रॉसरी 74.4 फीसदी और लोकल गूड्स और सर्विस 74.9 फीसदी सस्ते हैं. जिंदगी गुजारने के लिए ये तीसरा सबसे सस्ता देश है। चीजें कम कीमत में मिल जाती हैं चौथे नंबर पर कोलंबिया, पांचवे नंबर पर लिबिया और छठवें नंबर पर नेपाल है. नेपाल भारत से सटा देश है. यहां दुनिया की तुलना में चीजें बेहद कम कीमत में मिल जाती हैं। दिवालिया हो गया देश श्रीलंका इस लिस्ट में सातवें स्थान पर है. इसके बाद यूक्रेन, कजाकिस्तान, सिरिया, बांग्लादेश, तूर्की और नाइजिरिया जैसे देश हैं। व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाईन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें https://chat.whatsapp.com/LVthntNnesqI4isHuJwth3

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इन दो देशों में जाने के लिए भारतीयों की मची होड़, टिकटों की बुकिंग दोगुनी

इन दो देशों में जाने के लिए भारतीयों की मची होड़, टिकटों की बुकिंग दोगुनी

वेब खबरिस्तान, नई दिल्ली : ऐतिहासिक स्थल और अन्य आकर्षक टूरिस्ट प्लेस में अत्याधुनिकता को देखने के लिए भारतीय नागरिक सबसे ज्यादा अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप जा रहे हैं। जी हां एयरबीएनबी की हालिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट बताती है कि जिस तरह भारत में नदियां, पहाड़, वादियां, झरने देखने दुनियाभर से पर्यटक आते हैं. उसी तरह से भारत से भी टूरिस्ट विदेशों के शॉपिंग मॉल, खूबसूरत डेस्टिनेशंस और जाते हैं। एयरबीएनबी के मुताबिक, साल 2022 की पहली तिमाही के मुकाबले साल 2023 की पहली तिमाही में भारतीयों द्वारा इंटरनेशनल टिकटों की बुकिंग दोगुनी हो गई है. इस साल जनवरी से मार्च के बीच भारी संख्या में भारतीय यात्रियों ने इंटरनेशनल फ्लाइट टिकट की बुकिंग कराई. भारतीयों के पसंदीदा डेस्टिनेशन में अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय देश रहे। घरेलू स्तर में भी पर्यटन बढ़ा सिर्फ ऐसा ही नहीं है कि केवल अंतरराष्ट्रीय पर्यटन ही बढ़ा है. घरेलू स्तर पर भी पर्यटन में तेज वृद्धि हुई है. भारतीय देश के अंदर विभिन्न राज्यों में छुट्टियां बिताना चाह रहे हैं. रिपोर्ट में सामने आया है कि लोग अलग-अलग शहरों और इलाकों, खासकर पहाड़ी इलाकों में घूमना पसंद कर रहे हैं. छुट्टियों के लिए सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाले डेस्टिनेशन में गोवा सबसे ऊपर है. इसके बाद बेंगलुरु, पुणे, दिल्ली और कुल्लू हैं. साल 2022 की पहली तिमाही से तुलना करें तो साल 2023 में पर्यटन में 110 फीसदी का इजाफा हुआ है। विदेशी सैलानियों की हलचल केवल भारतीय नागरिक ही विदेश घूमने नहीं जा रहे, बल्कि विदेशी सैलानी भी बड़ी संख्या में भारत घूमने आ रहे हैं. एयरबीएनबी की रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी पर्यटकों के बीच भारत आने का उत्साह बढ़ा है. वे भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत का अनुभव करना चाहते हैं. भारत आने वाले एयरबीएनबी के सैलानियों में सबसे ज्यादा लोग अमेरिका के रहे. इसके बाद ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा का स्थान रहा। धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन भारत में समुदायिक, धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन भी बढ़ा है. लोग ठहरने के लिए अनूठी जगह की डिमांड कर रहे हैं. रिसॉर्ट, ट्रीहॉउस, हाउसबोट और फार्म स्टे जैसी जगहों की डिमांड बढ़ रही है। घरेलू डेस्टिनेशंस में पुरी, चेन्‍नई, गोवा, देहरादून, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, मुन्‍नार और नैनीताल सबसे अधिक पसंद किए जा रहे हैं. वहीं अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर बाली, लुसर्न, वियना, पेरिस, लिस्‍बन, रोम, प्राग, सिंगापुर और बैंकॉक जैसे डेस्टिनेशंस लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाईन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें https://chat.whatsapp.com/LVthntNnesqI4isHuJwth3

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