ख़बरिस्तान नेटवर्क, नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस संजय कुमार, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस मनोज मिश्रा को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई।
भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों की मौजूदगी में नए जजों को शपथ दिलाई। मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों के पद स्वीकृत हैं। पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में 27 जज नियुक्त हैं। इन 5 नए जजों की नियुक्तियों के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के जजों की संख्या बढ़कर 32 हो जाएगी।
न्यायपालिका के बीच तकरार
13 दिसंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के रूप में पदोन्नति के लिए इनके नामों की सिफारिश की थी। कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने 4 फरवरी को जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस संजय कुमार, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस मनोज मिश्रा की सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति की घोषणा की थी। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट और 25 हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच तकरार के बीच आया है। सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के कॉलेजियम सिस्टम पर सरकार ने खुले तौर पर अपने मतभेद जताए हैं।
पदोन्नत करने की सिफारिश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति के बाद केंद्र सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय ने शनिवार को पांचों न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित अधिसूचनाएं जारी की थीं। एससी कॉलेजियम की ओर से दो अन्य उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश बनाने की सिफारिशें केंद्र सरकार के सामने लंबित हैं। कॉलेजियम ने 31 जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की भी सिफारिश की थी।
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