वेब ख़बरिस्तान। हरियाणा के पानीपत में विकास नगर गली नंबर-1 स्थित ग्रीन हेरिटेज प्राइड स्कूल के संचालक ने छात्राओं के माता-पिता को पीटा। अभिभावकों का आरोप है कि फेयरवेल पार्टी के लिए 200 रुपये नहीं जमा करने पर स्कूल संचालक आगबबूला हो गया था। शोर मचाने पर आसपड़ोस के लोगों उन्हें छुड़ाया। उन्होंने 112 पर सूचना दी। अभिभावकों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। शाम को दोनों पक्षों में समझौता हो गया। पीड़ित पक्ष ने बताया कि स्कूल संचालक ने माफी मांग ली है।
निर्मला ने बताया कि वह पानीपत की विकास नगर कॉलोनी की गली नंबर-17 में किराए के मकान में रहती हैं। पति रमाकांत मेहनत मजदूरी कर घर चलाते हैं। उनकी दो बेटियां नौ वर्षीय कीर्ति और चार वर्षीय तृषा ग्रीन हेरिटेज प्राइड स्कूल में दूसरी और नर्सरी क्लास में पढ़ती है। उन्होंने बताया कि पति रमाकांत शुक्रवार को फरवरी और मार्च की फीस जमा कराने गए थे।वहां स्कूल संचालक जोगेंद्र राठी ने छह मार्च को हुई फेयरवेल पार्टी की फीस मांगी। बड़ी बेटी के 400 रुपये दे दिए और बेटी की 200 रुपये बकाया थे। पति ने 200 रुपये देने इनकार किया तो स्कूल संचालक ने तैश में आकर पति को थप्पड़ मार दिया। दोनों बेटियों समेत स्कूल से धक्के मारकर निकाल दिया।
वह अगले दिन पति व बच्चों के सा किए गए व्यवहार की वजह जानने के लिए स्कूल पहुंचीं। जहां स्कूल संचालक जोगेंद्र राठी की मां ने पति को गिरेबान से पकड़कर झाड़ू से पीटते हुए ऑफिस से निकाल दिया। ऑफिस के अंदर उन्हें पीटा गया। स्कूल संचालक के साथ उसकी पत्नी, मां और स्कूल स्टाफ से चार महिला अध्यापिका ने मारपीट की। उनके चेहरे को नोंच लिया।
संचालक बोला- मुझ पर लगाए गए सभी आरोप निराधार : जोगेंद्र राठी
संचालक ने कहा कि मुझ पर और मेरे स्कूल पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। अभिभावकों ने आकर स्कूल स्टाफ के साथ बदसलूकी की। उन्होंने किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की। स्कूल की तरफ से बहुत से बच्चों की पूरे साल की फीस माफ कर दी जाती है, फिर यह तो मात्र 200 रुपये थे। सभी आरोप बेबुनियाद है। दोनों पक्षों ने देर शाम तक समझौता कर लिया। अभिभावकों ने कहा कि स्कूल संचालक ने माफी मांगी और कहा कि जब तक उनका मन करता है, वह बच्चियों की स्कूल में निशुल्क पढ़ा सकते हैं जबकि अभिभावकों ने कहा है कि वह अब स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहते, जिस पर संचालक ने कहा कि यह उनकी निजी राय है, जैसा मन करता है करें, लेकिन स्कूल स्टाफ की तरफ से उन पर फीस के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा।