श्री अकाल तख्त साहिब जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने आज सिख शैक्षिक सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान जत्थेदार रघबीर सिंह का शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर दिया बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि उनकी सजा पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि अकाली दल के अध्यक्ष का मुद्दा बहुत बड़ा है और दुनिया भर के सिख की नजर इस पर है। इसलिए जल्द ही सिंह साहिबान की मीटिंग बुलाई जा रही है और इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा। जब जत्थेदार से सुखबीर सिंह बादल को धार्मिक या राजनीतिक सजा देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि यह समय के अनुसार देखा जाएगा।
अकाली दल के बिना पंजाब का विकास अधूरा
वहीं, उन्होंने कहा कि अकाली दल के बिना पंजाब का विकास अधूरा है। उनका विकास नहीं हो सकता। सिर्फ शिरोमणि अकाली दल ने ही पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत की बात की है। इसलिए देश के 100 साल पुराने और शहीद संगठन शिरोमणि अकाली दल को मजबूत करना बहुत जरूरी है।
पत्र लिख मांगी थी सजा
गौरतलब है कि कल सुखबीर सिंह बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब को एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने जल्द फैसले की अपील की थी।
अकाल तख्त साहिब को भेजी चिट्ठी हुई वायरल
बता दें कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल की श्री अकाल तख्त साहिब को भेजी हुई चिट्ठी सामने आई थी। इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि वह निम्रता और सत्कार के साथ पेश होना चाहते हैं। चिट्ठी उन्होंने 18 नवंबर को भेजी थी जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
लिखा- तनखैया का मेरे मन पर असर हुआ
सुखबीर बादल ने 18 नवंबर को चिट्ठी में लिखा कि सिख कौम के सर्वोच्च स्थान श्री अकाल तख्त साहिब जी की तरफ से दास को तनखैया करार दिया गया है। जिसका मेरे मन में बेहद असर हुआ है। दास की ओर से शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
दास निम्रता और सत्कार के साथ श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होना चाहता है। छठे पातशाह जी का बख्शा स्थान होने के कारण आप जी दास की विनती को जरूर कबूल करें।
नहीं स्वीकार हुआ है इस्तीफा
आपको बता दें कि 18 नवबंर को ही सुखबीर बादल ने अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। हालांकि अभी तक उनका इस्तीफा नहीं स्वीकार किया गया है। इसे लेकर अकाली दल की वर्किंग कमेटी की मीटिंग भी बुलाई गई थी। जिसमें कहा गया कि अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है और वह विचाराधीन है।